Wednesday 13 July 2016

hadeesi hadse 217


हदीसी हादसे 
बुख़ारी ५३७ 

मुहम्मद की हदीस में है कि रहम (गर्भ) में क्या है? ये अल्लाह के सिवा किसी को नहीं पता.
*आज हर एक को पता है कि शिकम ऐ मादरी में लड़का है कि लड़की.
जैसे यह बात गलत साबित हुई है, वैसे ही पूरा इस्लाम आज काबिले यकीन नहीं.

बुख़ारी ५३६ 

मुहम्मद शाम और यमन के लिए अपने अल्लाह से दुआ करते हैं कि वह उन पर बरकत अता करे. लोगों ने एतराज़ किया कि वह तो नज्दी हैं? फिर वही दुआ की.
फिर लोगों ने एतराज़ किया कि वह तो नज्दी हैं? मुहम्मद ने कहा - - - इस मुकाम पर ज़लज़ले और फ़ितने पैदा होंगे, वहां शैतानी सींग तुलू होता है.
*फ़ितना परवर मुल्क के लिए दुवा कैसी? है न अल्लाह के मफ्रूज़ा नबी पर नशे का गलबा. कुछ भी बक सक्कते है.

बुख़ारी ४९९ 

जुमे की नमाज़ हो रही थी, मुहम्मद नमाज़ पढ़ा रहे थे. ताजिर काफ़िला आया तो नमाजियों की भीड़ नमाज़ को छोड़ कर उसकी तरफ भागी, सिर्फ बारह लोग खड़े रहे. ऐसे में मुहम्मद ने अपने अल्लाह से एक आयत उतरवाई 
"जब लोग तिजारत और लह्व लुआब की बात देखते हैं तो आपको खड़ा हुवा छोड़ कर उधर भागते हैं." 
सहबाए किरम की असलियत ये आयत बतलाती है. 

बुख़ारी ५२६ 
मुहम्मद ने देखा कि कुछ लोग इस्लाम की नाफ़रमानी कर रहे हैं तो उन्हें बद दुआ देते हुए कहा कि ऐ खुदावंद! इन पर कहत नाज़िल फरमा. इन पर सात साल युसूफ के सालों जैसा करदे. चुनांच सात सालों तक ऐसा कहत पड़ा कि लोग मुरदार खाने लगे, अबू सुफ्यान मुहम्मद के पास पहुंचे और कहा ऐ मुहम्मद आप अल्लाह के इताअत का हुक्म देते है और सिलह रहमी करते हैं और आपकी कौम हलाक़ हुई जाती है. आप अल्लाह से दुआ कीजिए - - - 
*ये हदीस पूरी तरह से गढ़ी हुई है. न अरब में सात साल का कहत कभी पड़ा न खुद मुहम्मद को इसका सामना करना पड़ा. इस गढ़ंत में मिस्र के सात साला कहत को नक्ल करना और दौर को इस्लाम में शामिल करना है. 



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