Saturday 16 July 2016

बांग-ए-दरा 35



बांग ए दरा

तवज्जो तलब - - -

क़ुरआन किसी अल्लाह का कलाम हो ही नहीं सकता.
कोई अल्लाह अगर है तो अपने बन्दों के क़त्ल-ओ- खून का हुक्म न देगा.
क्या सर्व शक्ति वान, सर्व ज्ञाता, हिकमत वाला अल्लाह 
मूर्खता पूर्ण और अज्ञानता पूर्ण बकवास करेगा?
क्या इन बेहूदा बातों की तिलावत (पाठ) से कोई सवाब मिल सकता है?
जागो! मुसलमानों जागो!! 
मुहम्मद के सर पर करोड़ों मासूमों का खून है जो इस्लाम के फरेब में आकर अपनी नस्लों को इस्लाम के हवाले कर चुके हैं. मुहम्मद की ज़िदगी में ही हज़ारों मासूम मारे गए 
और मुहम्मद के मरते ही दामाद अली और बीवी आयशा के दरमियाँ जंग जमल में एक लाख इंसान बहैसियत मुसलमान मारे गए. 
स्पेन में सात सौ साल काबिज़ रहने के बाद दस लाख मुसलमान जिंदा 
नकली इस्लामी दोज़ख में डाल दिए गए, 
अभी तुम्हारे नज़र के सामने ईराक में दस लाख मुसलमान मारे अफगानिस्तान, 
पाकिस्तान कश्मीर में लाखों इन्सान इस्लाम के नाम पर मारे जा रहे है.
चौदह सौ सालों में हज़ारों इस्लामी जंगें हुईं हैं जिसमें करोड़ों इंसानी जानें गईं.
 मुस्लमान होने का अंजाम है बेमौत मारो या बेमौत मरो.
क्या अपनी नस्लों का अंजाम यही चाहते हो? 
एक दिन इस्लाम का जेहादी सवाब मुसलामानों को मारते मारते और मरते मरते ख़त्म कर देगा. वक़्त आ गया है खुल कर मैदान में आओ. ज़मीर फरोश गीदड़ ओलिमा का बाई काट करो, 
इनके साए से दूर रहो और भोले भाले लोगों को दूर रखो.
क़ुरआन किसी अल्लाह का कलाम हो ही नहीं सकता.
कोई अल्लाह अगर है तो अपने बन्दों के क़त्ल-ओ- खून का हुक्म न देगा.
क्या सर्व शक्ति वान, सर्व ज्ञाता, हिकमत वाला अल्लाह 
मूर्खता पूर्ण और अज्ञानता पूर्ण बकवास करेगा?
क्या इन बेहूदा बातों की तिलावत (पाठ) से कोई सवाब मिल सकता है?
जागो! मुसलमानों जागो!! 
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