Thursday 4 August 2016

बांग-ए-दरा 54




बांग-ए-दरा

मोमिन बनो 

इस्लाम के ज़ुल्म व सितम से तंग आकर दस  लाख अरबी मुसलमान , योरोप में पनाह ले चुके हैं . इस्लाम के ज़हर को समझो.
मशविरा है कि मुस्लिम से मुल्हिद (नास्तिक) हो जाओ , उसके बाद मोमिन बनो . 
याद रहे कि मोमिन कभी मुस्लिम नहीं होता , मोमिन पूरी धरती और इसके बाशिंदों का मुहाफ़िज़ होता है . मोमिन की ही धरती को ज़रुरत है .
अरबों को तो यरोप में ठिकाना मिल गया , तुम हिंदी कहाँ जाओगे ? सिवाय इसके कि इस बरहमन ग़ालिब समाज के दास और अछूत बन कर रहो .
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इस्लामी इन्केलाब

आज कल इस्लामी दुन्या में तब्दीली की एक लहर आई हुई है. पुरानी बादशाहत, ख़िलाफ़त और सुल्तानी से मुसलामानों का दिल ऊब गया है. मिस्र में हुस्नी मुबारक को बहुत दिनों झेलने के बाद उन्हें गद्दी से अवाम ने हटा दिया है. हटा तो दिया इन्केलाब बरपा करके मगर अब ले आएं किसको? कोई जम्हूरी तहरीक तो वहाँ है, तो आईन मुरत्तब कर रहे हैं कि देखिए क्या करेंगे. फिलहाल उन्हों ने अपने ऐवान से सदर हुस्नी मुबारक की तस्वीर हटा कर उस खाली जगह पर "अल्लाह" की तस्वीर लगा दी गई है. मुसलमानों का मुल्क है, ज़ाहिर है मुहम्मदी अल्लाह का इक्तेदार और निजाम आने वाला है. हर इस्लामी मुल्क में अवाम लाशूरी तौर पर इस्लाम से बेज़ार है, मगर मुट्ठी भर इस्लामी जादूगर कामयाब हो जाते है, अवाम फिर उन्हें एक अरसे तक झेलने के लिए मजबूर हो जाती है. ये कोई गैर इस्लामी समाज नहीं है कि लोगों में पुर मानी इन्केलाब आने के कोई आसार हों, अवाम को नए सिरे से गुमराह किया जायगा नमाज़ रोज़ा हज और ज़कात जैसे अरकान में बंधक बना, कर अफीमी नशे में उनको फिर से धकेला जाएगा. फिर नए सिरे से ओलिमा के चहीते और सददाम ओ गद्दाफी की औलादें ऐश करने के लिए पैदा हो जाएंगी. 
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