
बांग ए दरा
कुरानी भूल भुलय्या
मुसलमानों तुम अल्लाह के कलाम की नंगी तस्वीर देख रहे हो, कुरआन में इसके तर्जुमान इसे अपनी चर्ब ज़बानी से बा लिबास करते है.
क्या बक रहे हैं तुम्हारे रसूल ?
वह ईमान लाए हुए मुसलामानों को दोज़ख में देखने की आरज़ू रखते हैं.
किसी तोहफे की तरह नवाजने का यकीन दिलाते हैं.
" वल्लाह तुम लोग ज़रूर दोज़ख को देखोगे."
अगर वाकई कहीं दोज़ख होती तो उसमें जाने वालों में मुहम्मद का नाम सरे फेहरिश्त होता.
आख़िरी आयत "वल्लाह तुम लोग ज़रूर इसको ऐसा देखना देखोगे जोकि खुद यक़ीन है, फिर उस रोज़ तुम सबको नेमतों की पूछ होगी".
को बार दोहरा कर कोई माकूल मतलब निकल सको तो निकालो.
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