Friday, 7 October 2016

बांग ए दरा 115


बांग ए दरा 
क़ुरआनी ऊट पटाँग 

मैं इस बात को फिर दोहराता हूँ कि तौरेत (OLD TESTAMENT) दुन्या का प्राचीनतम इतिहास है, अगर इसमें से विश्व की रचना और आदम की काल्पनिक कहानी को निकाल दिया जाय तो . इसकी लेखनी गवाह है कि गुणगान के साथ साथ हस्ती के अवगुण भी विषय में साफ़ साफ़ हैं. बाबा अब्राहाम के बाद तो इस पर शक करना गुनाह जैसा लगता है. इसके बर अक्स मुहम्मदी अल्लाह के कुरआन के किसी बात पर यक़ीन करना गुनाह ही नहीं बल्कि बेवकूफ़ी और हराम जैसा लगता है.
तौरेत के मुताबिक़ इब्राहीम के बाप तेराह (आज़र) ने अपने बेटे, बहू और भतीजे लूत को परदेस जाने का मशविरा दिया कि बद हाली से नजात मिले। वह मुसीबतें उठाते हुए मिस्र के बादशाह के पनाह में कुछ दिन रहे फिर भेड़ पालन का पेशा अख्तियार किया जो इतना फला फूला कि वह मालदार हो गए, मॉल आया तो दोनों में बटवारे की नौबत आ गई बटवारा मज़ेदार हुआ काले रंग और सफेद रंग की भेड़ें अलग अलग करके एक एक रंग की भेड़ें दोनों ने ले लीं। 
यह भी तै हुवा कि दोनों विपरीत दिशा में इतनी दूर तक चले जाएँ कि एक दूसरे का सामना न हो.
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