
बांग-ए-दरा
ईश निंदा
आज कल मीडिया में शब्द "ईश निंदा" बहुत ही प्रचलित हो रहा है,
जो दर अस्ल तालिबान नुमा मुसलामानों को संरक्षण देने का काम करता है.
ईश निंदा का मतलब हुवा खुदा या ईश्वर का अपमान करना,
जब कि नया दृष्ट कोण रखने वाले बुद्धि जीवी कुरआनी आदेशों की निंदा करते है.
कुरान में ९०% आयतें मानवता के विरुद्ध हैं,
जिसकी निंदा करना मानव अधिकार ही नहीं,
मानव धर्म भी है. कोई उस सृष्टि व्यापी अबूझी महा शक्ति को नहीं अपमानित करता,
बल्कि अल्लाह बने मुहम्मद और उनके क़ुरआनी आदेशों का खंडन करता है,
जो अमानवीय है
हमारा नया कल्चर बना हुवा है सभी धर्मो का सम्मान करना,
जिसे सेकुलर का नाम भी गलत अर्थों में दिया गया है.
सेकुलर का अर्थ है धर्म विहीन.
सेकुलरटी को भी एक नए धर्म का नाम जैसा ब'ना दिया गया है.
ज़्यादः हिस्सा धर्म दूसरे धर्मों का विरोध करते हैं,
जिसके तहत वह अधर्मी, काफ़िर और नास्तिकों को खुल्लम खुल्ला गालियाँ देते हैं.
जवाब में अगर नास्तिक के मुँह से कुछ निकल जाए तो वह ईश निंदा हो जाता है,
उसको तिजारती मीडिया ललकारने लगती है.
मेरी मांग है कि जागृत मानव को पूरा हक़ होना चाहिए कि
वह अचेत लोगों की चेतना को सक्क्रीय करने के लिए इस्लाम निदा, क़ुरआन निंदा और मुहम्मदी अल्लाह की निंदा को ईश निदा न कहा जाए.
बल्कि इसे मठा धीशों की या भ्रष्ट अदालतों को दूषित करने वाले न्याय धीशों की
"धीश निंदा" कहा जा सकता है.
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