Monday 26 September 2016

बांग-ए-दरा 104




बांग ए दरा 

अल्लाह बन्दों से आजिज़ 

क़ुरआन में कई सूरह में आता है अल्लाह बन्दों से आजिज़ रहता है। 
अल्लाह जैसी हस्ती अपने बन्दों से आजिज़ है, 
उन लोगों से जो उसे , उसकी अन देखी सूरत और ऊँट पटाँग बातों को मानने को तैयार नहीं?
आखिर इसके लिए क्या मुंकिन नहीं है कि वह मुजस्सिम अपने बन्दों के सामने आ जाए?
और अपने वजूद का सुबूत दे,
जिन बन्दों की किस्मत में उसने जन्नत लिख रखी हैं, उनके हाथों में छलकता जाम थमा दे,
उनके लिए बैज़ा जैसी बड़ी बड़ी आँखों वाली गोरी गोरी हूरों की परेड करा दे.
क़ुरआन कहता है अल्लाह और उसके रसूल को मानो तो मरने के बाद जन्नत की पूरी फिल्म दिखलाई जाएगी,
तो इस फिल्म का ट्रेलर दिखलाना उसके लिए क्या मुश्किल खड़ी करता है,
वह ऐसा करदे तो उसके बाद कौन कमबख्त काफ़िर बचेगा?
मगर अल्लाह के लिए ये सब कर पाना मुमकिन नहीं,
अफ़सोस तुम्हारे लिए कितना आसान है, 
इस खयाली अल्लाह को बगैर सोचे विचारे मान लेते हो.
इसे जानो,
जागो! मुसलमानों जागो!



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