Monday 28 November 2016

बांग-ए-दरा 159




बांग ए दरा 

''इस ने अपनी हिकमत अमली से कभी दुश्मनों को मोमिनों कि लश्कर को कसीर दिखला कर और कभी मोमिनों की हौसलों को बढाने के लिए काफिरों कि फ़ौज को मुख़्तसर दिखलाया .''
सूरह इंफाल - ८ नौवाँ परा आयत ( ४३)
मुहम्मद को अपने अल्लाह से दगाबाजी का काम कराने से भी कोई परहेज़ नहीं करते. 
नादान भोले भाले मुसलमान तो इसकी गहराई में जाते ही नहीं, मगर यह तालीम याफ़्ता मुसलमान इस बात को नज़र अंदाज़ करके कौम को पस्ती में डाले हुए हैं. अगर यह आगे आएँ तो वह इनके पीछे चलने की हिम्मत कर सकते है.
''काफ़िरों को हिम्मत बंधाने वाला शैतान , मुसलमानों के लिए मदद आता देख कर, सर पर पाँव रखकर भागता है, यह कहते हुए कि मैं तो अल्लाह से डरता हूँ.


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