Saturday 26 November 2016

बांग-ए-दरा 157


बांग-ए-दरा  

''और जब उन लोगों ने कहा ऐ अल्लाह ! अगर यह आप की तरफ से वाकई है तो हम पर आसमान से पत्थर बरसाए या हम पर कोई दर्द नाक अज़ाब नाज़िल कर दीजिए.''
काफ़िरों का बहुत ही जायज़ एहतेजाज था, और मुहम्मद के लिए यह एक चुनौती थी.
''और तुम उन कुफ्फारो से इस हद तक लड़ो की उन्हें फ़सादे अक़ीदत न रहे और दीन अल्लाह का ही क़ायम हो जाए, फिर अगर वह बअज़ आ जाएँ तो अल्लाह उनके अअमाल को खूब देखते हैं.''
ऐसी जिहादी आयतों से कुरआन भरा हुवा है, जिस पर तालिबान जैसे पागल अमल कर रहे है और कुत्तों की मौत मारे जा रहे है.


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