Thursday 24 November 2016

बांग-ए-दरा 155


बांग ए दरा 

''वह वही है जिसने आप को अपनी इमदाद से और मुसलामानों से कूवत दी और इनके दिलों में इत्तेफाक पैदा कर दिया. अगर आप दुन्या भर की दौलत खर्च करते तो इन के कुलूब में इत्तेफाक पैदा न कर पाते. लेकिन अल्लाह ने ही इन के दिलों में इत्तेफाक पैदा कर दिया. बेशक वह ज़बरदस्त है और हिकमत वाला है.''
सूरह -इंफाल - ८ नौवाँ परा आयत (६३)

इंसान अपनी फितरत में लालची होता है और अगर पेट की रोटी किसी अमल से जुड़ जाए तो वह अमल जायज़ लगने लगता है, जब कोई पैगंबर बन कर इसकी ताईद करे तो फिर इस अमल में सवाब भी नज़र आने लगता है. यही पेट की रोटी भुखमरे अरबी मुसलामानों में इत्तेहाद और इत्तेफाक पैदा करती है जिसे अल्लाह की इनायत मनवाया जा रहा है। मुहम्मद अपनी ज़ेहानते-बेजा की पकड़ को अल्लाह की हिकमत क़रार दे रहे हैं. जंगी तय्यारियों से इंसानी सरों को तन से जुदा करने की साज़िश को अपने अल्लाह की मर्ज़ी बतला रहे हैं.



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