Wednesday 23 November 2016

बांग-ए-दरा 154




बांग ए दरा

''और काफ़िर लोग अपने को ख़याल न करें कि वह बच गए. यकीनन वह लोग आजिज़ नहीं कर सकते.''
सूरह -इंफाल - ८ नौवाँ परा आयत ( ५९)
कूवत वाला अल्लाह, मेराकी शौहर की बीवी की तरह आजिज़ भी होता है ?
क्या क्या खसलतें मुहम्मद ने अपने अल्लाह में पैदा कर रखी है.
वह कमज़ोर, बीमार और चिडचिड़े बन्दों की तरह आजिजो-बेज़ार भी होता है ,
वह अय्यारो-मक्कार की तरह चालों पर चालें चलने वाला भी है,
वह कल्बे सियाह की तरह मुन्तकिम भी है, वह चुगल खोर भी है,
अपने नबी की बीवियों की बातें इधर की उधर, नबी के कान में भर के मियाँ बीवी में निफाक भी डालता है.
कभी झूट और कभी वादा खिलाफी भी करता है.
आगे आगे देखते जाइए मुहम्मदी अल्लाह की खसलतें.
यह किरदार खुद मुहम्मद के किरदार की आइना दार हैं तरीख इस्लाम इसकी गवाह है,
जिसकी उलटी तस्वीर यह इस्लामी मुसन्नाफीन और उलिमा आप को दिखला कर गुमराह किए हुए हैं.
आप इनकी तहरीरों पर भरोसा करके पामाल हुए जा रहे हैं तब भी आप को होश नहीं आ रहा. लिल्लाह अपनी नस्लों पर रहम खइए।


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