Friday 9 December 2016

बांग-ए-दरा 170



बांग ए दरा 

''जैसा कि आप के रब ने आप के घर से मसलेहत (भलाई) के तहत बदर (जंगे बदर) के लिए रवाना किया और मुसलामानों की एक जमाअत इसे गराँ समझती थी, वह इस मसलेहत में बअद इसके कि इसका ज़हूर हो गया था, आप से इस तरह झगड़ते रहे थे कि गोया इन को कोई मौत की तरफ हाँके जा रहा हो और वह देख रहे हों ''
सूरह इंफाल - ८ नौवाँ परा आयत (६)
और बनू नुजैर पर, मुसलामानों का (यहूदियों पर) पहला हमला धोका धडी से कामयाब हुआ तफ़सील आगे होगी. दूसरा हमला मक्का के कुरैश्यों पर था. दिग्गज कुरैश सरदार इसमें शामिल थे. कुरैशों में ज़रुरत से ज्यादह आत्म विशवास था और मुसलमानों में अंध विशवास लालच. मुहम्मद ने यकीन दिला दिया था कि ३००० फ़रिश्ते मुसलमानों के साथ जंग में शरीक करने का वादा अल्लाह ने कर लिया है, लालच थी माले गनीमत की. बहर हल मुसलमान जंग जीत गए मगर गनीमत पर रसूल की बद नियाती पर लोग बद गुमान हो गए। जान भी गँवाई और जो बचे उनको कोई खास फायदा भी न हुआ. इस से बेहतर होता कि घर पर ही जो कर रहे थे, करते रहते.. दूसरी जँग जँग-ए-उहद के लिए मुहम्मद एक बार फिर लोगों को ललचा रहे हैं, फुसला रहे हैं, झूट और मक्र का सहारा ले रहे हैं. इस बार ५००० फ़रिशतों के शरीक होने का अल्लाह के वादे का यक़ीन दिला रहे हैं.और दर पर्दा धमका भी रहे हैं - - -
''बिला शुबहा अल्लाह तअला ज़बरदस्त हिकमत वाले हैं''
सूरह इंफाल - ८ नौवाँ पारा आयत (१०)
अफ़सोस कि मुसलमान अल्लाह की इस हिकमत पर आज भी ईमान रखते हैं कि उनके उनके अल्लाह जेहादों में फरिश्तों की मदद भेजता है और अपने पैगम्बर की ऐसी दरोग़ आमोज़ी पर भी.''जब अल्लाह तुम पर ऊंघ तारी कर रहा था, अपनी तरफ़ से चैन देने के लिए और इस के क़ब्ल आसमान से बारिश बरसा रहा था कि इस के ज़रीए तुम को पाक करदे और तुम को शैतानी वस्वुसे से दफ़ा कर दे और तुम्हारे दिलों को मज़बूत कर दे और तुम्हारे पाँव जमा दे.''सूरह -इंफाल ८ नौवाँ परा आयत (११)अरबी, इस्लामी और क़ुरआन की जुग्राफियाई अलामतें ही हमारी सामाजिक मान्यताओं से भिन्न हैं. ऊँघना अल्लाह की रहमत और चैन है, बरसात की गन्दी छींटों से आप पाक हो जाते हैं, शैतानी बहकावे का इलाज हो जाता है और पाँव जम जाते हैं? खैर अरब में ऐसा होता होगा मगर भारत के मुसलमान इस उलटी धार में क्यूं बह रहे हैं, वाजेह हो सकती है कि अल्लाह जेहाद के लिए बहका रहा है,और वह अंदर ही अंदर तालिबानी हो रहे हों ,




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