Wednesday 29 July 2015

Hadeesi Hadse 166


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हदीसी हादसे 55

बुखारी १०३९
मुहम्मद तक़रीर कर रहे थे कि उनके पास एक देहाती बैठा था. उसको शिकार करते हुए तक़रीर खेती बाड़ी पर आ गई. कहा "जन्नत में एक किसान ने ख्वाहिश ज़ाहिर की कि जन्नत में क्या खेती हो सकती है?"
अल्लाह ने कहा "क्यों यहाँ तुझे क्या कमी है? "
"उसने कहा मुझे खेती बहुत अच्छी लगती है" ( ताकि हम कोई चीज़ अपनी ज़ात से तकमील करते है) 
फरमान होगा "अच्छा जा करके देख."
दहकान ज़मीन में बीज बोता रहा और दूसरे छोर पर पहुँचा तो बोए हुए बीजों की फसल तैयार थी.
फरमान होगा "ए इब्न ए आदम तू हरीस है कि तू किसी चीज़ से मुतमईन नहीं होता."
दहकान जिस पर मुहम्मद वार कर रहे थे, बोला 
"वह शख्स कोई कुरैश होगा या फिर अंसार."
उसके जवाब से मुहम्मद खिसयानी हँसी हसने लगे.
कई हदीस गवाह हैं कि मुहम्मद अन्न दाता किसान को पसंद नहीं करते थे.जिहाद को हर काम से बेहतर ख़याल करते.
बुखारी १०४४
मुहम्मद कहते हैं उनका अल्लाह उन तीन किस्म के बन्दों से कभी राज़ी नहीं होगा, १+२ तो बस यूँ ही हैं मगर तीसरी काबिले ज़िक्र है ?
"जो शख्स असर के वक़्त दुकान सजाएगा और झूटी क़सम खाएगा कि मुझे फलाँ सामान के इतने मिल रहे थे.
मुसलमान अपने पैगम्बर की हर बात पर वाह वाह करते हैं मगर उसकी गहराई में नहीं जाते. क्या अस्र बाद ही सच बोलना चाहिए? पूरे दिन क्यों न ईमान दारी से तिजारत करनी चाहिए.
बुखारी १०४६ 
मुन्तकिम अल्लाह के मुन्तकिम रसूल अपनी इन्तेकामी फ़ितरत से इस क़दर लबरेज़ हैं कि कहते हैं
"मैं हौज़ कौसर से कुछ लोगों को इस तरह भगा दूंगा जैसे अजनबी ऊँट को पानी पीने की जगह से भगा दिया जाता है."
हौज़ कौसर क्या हैं ?
मुहम्मद के नाजायज़ बेटे लौंडी जादे इब्राहीम कि मौत जब लोहार के घर धुंए से दम घुटने पर हो गई तो अहले मदीना की औरतों ने 
मुहम्मद को बड़े तअने दिए थे कि "बनते हैं अल्लाह के नबी, बुढ़ापे में एक लड़का हुवा तो उसे भी इनका अल्लाह न बचा सका"
खिस्याए मुहहम्मद ने सूरह ए कौसर अल्लाह से उतरवाई कि 
"ऐ मुहम्मद ! तू ग़म न कर तुझको मैंने अपनी जन्नत में फैले हौज़ ए कौसर का निगरान बनाया."
वह ऐसे निगरानी करेंगे कि जन्नत्यों को भी अजनबी ऊंटों की तरह बैरंग वापस कर देंगे.
दूसरी तरफ यही उम्मी कहते हैं कि जन्नत में कोई भूखा प्यासा नहीं रहेगा, दिल चाहेगा शराब पिने का, शराब हूर ओ गिलमा लिए हाज़िर होंगे. 
यहाँ कहते हैं लोग प्यासे ऊँट की तरह पानी के लिए जन्नत में भटकते होंगे.
मज़े की बात ये है कि मुसलमान ऐसी मुतज़ाद बातों पर यकीन भी करते हैं. 


जीम. मोमिन 

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