Thursday 9 July 2015

Hadeesi Hadse 263


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हदीसी हादसे 52
बुखारी १०२४
मुहम्मद का ख़याल बल्कि ईमान था कि जिस घर में खेती के औज़ार होते है, उस घर में नेकी के फ़रिश्ते नहीं आते. 
* हमारे हिन्दुतानी मुआशरे में किसान को अन्न दाता कहा गया है क्योकि उसकी मेहनत से ही अवाम और खवास का पेट भरता है. इस्लाम की कोई भी तजवीज़ इंसानियत कुश है.
बुखारी १०२५
मुहम्मद कहते हैं जो शख्स कुत्ता पलेगा उस को एक कैरट गुनाह होगा, उसकी नेकियों से कट जायगा मगर किसान को कुत्ता पालने की छूट है.
* कैसी मुत्ज़ाद(विरोधा भाषी) जात थी जो कहता है कि हल बैल नहूसत की अलामत है मगर उसके मालिकों को कुत्ता पलने की इजाज़त है. दूसरों को एक किरात योमया गुनाह ? 
मुसलमानों! कैसा सर फिरा था तुम्हारा गाऊदी रसूल, जिसको तुम सरवरे-कायनात कहते हो.
बुखारी-१०२८ 
अबू हरीरा कहते हैं एक शख्स गाय पर सवार मुहम्मद के सामने से निकला, गाय ने फ़रियाद की 
" या रसूल लिल्लाह मैं सवारी के लिए नहीं पैदा की गई, बल्कि खेती के लिए मखलूक हूँ." मुहम्मद ने कहा 
"हाँ! मैं, अबू बकर और उमर इस बात के गवाह हैं." 
इसके बाद एक भेडिया बकरी ले भगा, चरवाहे ने इसका पीछा किया, भेडिए ने कहा 
"योम ए जज़ा कौन इसकी हिफाज़त करेगा. उस दिन सिवाए मेरे इसका कोई निगहबान न होगा." 
मुहम्मद ने कहा "हाँ मै, अबू बकर और उम्र इसकी गवाही देंगे." 
अबू हरीरा कहते हैं कि उस वक़्त वहां अबू बकर या उमर कोई मौजूद नहीं था. "
*अव्वल तो हदीस ही बेहूदा है कि चलती हुई गाय और भागता हुवा भेड़िया मुहम्मद से गुफतुगू करते है. इसमें भेडिए की दलील तो किसी फलसफे में नहीं आती कि वह कयामत के दिन बकरी का निगेहबान होगा. 
अबू हरीरा हैरान हैं कि उस वक़्त वहां अबू बकर और उमर मौजूद नहीं थे. मैं हदीस गो अबू हरीरा की बातों पर हैरान हूँ कि उसने गाय और भेडिए को मुहम्मद से बातें करते हुए देखा? 
इस्लाम का पूरा पूरा ढांचा ही झूटी गवाहियों पर कायम है. मुआज्ज़िन कहता है कि 
"मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद अल्लाह के रसूल हैं." 
अबू बकर और उमर को लेकर मुहम्मद ने तीन गवाहियाँ कर लीं ताकि झूट में पुख्तगी आ जाए. 
मुहम्मद मुसलमानों के लिए बद तरीन रहनुमा हैं. इस्लाम को झूटों से सजाने के लिए कैसी कैसी बे सिर पैर की बातें गढ़ते हैं. 
बुखारी १०३१-१०३5 
फ़तेह खैबर के बाद वहां की खेती की आधी पैदा वर मुहम्मद ने अपनी बीवियों के हक में मखसूस कर दिया था, वह भी मुक़र्रर कर दिया था कि कम से कम मिकदार. 
* यहूदियों की आबादी से भरपूर, खैबर पर पूरी किताब लिखी जा सकती है जो मुहम्मद के ज़ुल्म से भरी हुई होगी. आज यहूदी इन मुहम्मदियों पर जितना बी ज़्यादती करें कम होगी. 
मुल्लाओं ने कितना झूठा प्रचार कर रखा है कि माल ओ मता से बे नयाज़ मुहम्मद मरने के बाद सिर्फ सात डरहम विरासत में छोड़ा? उनकी बेगमात फाका पर फाका करतीं.


जीम. मोमिन 

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