Tuesday 27 August 2013

Hadeesi Hadse 99


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अल्लाह ज़मीन को मुठ्ठी में लेलेगा 
अबू हरीरा से रवायत है कि मुहम्मद ने कहा , क़यामत के दिन अल्लाह ज़मीन को मुठ्ठी में लेलेगा और आसमान को अपने दाहिने हाथ में लपेट कर फ़रमाएगा ' मैं हूँ बादशाह , कहाँ हैं ज़मीन के बादशाह?
(मुस्लिम - - - किताबुल  सिफ़ात उल मुन्फ़कीन ओ एहकाम )

यह हवाई किला मुहम्मद अपने तनहाइयों में गढ़ा करते थे जो ऐसा अजीब ओ गरीब हो कि मदारी के खेल का मज़ा आ जाय . एक तरफ कहते हैं कि अल्लाह की कोई शक्ल सूरत नहीं है , वह सिर्फ नूर है , दूसरी तरफ हदीस साबित करती है कि अल्लाह के दाहिने और बाएँ हाथ भी हैं और मुठ्ठी भी इस्तेमाल करता है . इस्लामी ताजाद मुसलामानों को पशेमान भी नहीं करता . अल्लाह की बात है , अल्लाह ही बेहतर जाने .

कोहे सफा पर चढ़ कर एलान नबूवत 
एक रोज़ कोहे-सफ़ा पर चढ़ कर मुहम्मद ने आवाज़ लगाई - - - 
या साबाह ! ऐ कौम डरो !!
यह सुनकर तमाम कुरैश इनके पास आकर जमा हो गए . मुहम्मद ने कहा ऐ कौम अगर मैं तुमको यह खबर दूं कि सुब्ह शाम एक लश्कर तुम पर चढ़ाई करने वाला है, तो तुम मेरी बात का यकीन कर लोगे ?
लोगों ने कहा हाँ .
 फिर मुहम्मद ने कहा कि मैं तुमको एक सख्त आने वाले अज़ाब से डरता हूँ जो बहुत सख्त है .
यह सुनकर मुहम्मद के चचा अबू लहब बोले 
तेरा बुरा हो , क्या तूने हमें इस बात के लिए जमा किया है ?
बुख़ारी (१७७१) 

ख़दीजा के बाद मुहम्मद ने पहली बार अपने खानदान पर अपने पैगम्बरी के फार्मूले का एलान किया जिसमे वह बुरी तरह नाकाम रहे। क़यामत को हथियार बना कर उन्हों ने इसका आगाज़ किया और चचा अबू लहब पहला शख्स था जिसने इसे कंडम किया . मुहम्मद ने इसके खिलाफ पहली क़ुरानी सूरह गढ़ी 
" तब्बत यदा अबी लहब्यूं - - - "(अबू लहब तेरा हाथ टूटे - - - )
व़ाज़ह हो कि अबू लहब मुहम्मद के मुखलिस चचा थे जिन्होंने यतीम पैदा होने वाले भतीजे के लिए अपनी लौंडी को आज़ाद कर दिया था और उसे इनके लिए दूध पिलाई की नौकरी दे दी थी। तब से केकर मुहम्मद की दो बेटियों को अपनी बहू बनाने का सुलूक उनका मुहम्मद के साथ था .
यहीं से शुरू होता है मुहम्मद की एहसान फरामोशी का सिलसिला जो उनकी खू बन कर रह गया था .

मुहम्मद की अकली उड़ान 
मुहम्मद कहते है कि अल्लाह तअला जब मखलूक पैदा करने से फारिग हुवा, रहम (बच्चे दानी) रहमान के कमर को पकड़ कर खड़ी हो गई , ( बस करो अब और नहीं )
फ़रमान हुवा , ठहर   
अर्ज़ किया कता रहमी से मैं तेरी पनाह की तलबगार हूँ  कि क्या तुझको यह पसंद नहीं कि जो शख्स तुझको जोड़े , मैं उसको जोडूं , जो शख्स तुझको तोड़े , मैं इसको तोडूं। 
अर्ज़ किया हाँ ऐ रब मुझको यह पसंद है। 
फरमान हुवा बस ! ऐसा ही होगा .
(बुख़ारी १७२०)

बच्चे दानी ने इठला कर अल्लाह मियां की कमर को पकड़ उठ खड़ी होती है और माशूका की तरह रूबरू हो जाती है और अल्लाह से कहती है कि मैं अब बूढी हो गई हूँ और थक गई हूँ , अब आप अपनी हरकतों से बअज़ आइए . माना की मैं रहमान की मादा रहम (बच्चे दानी ) हूँ  मगर अब और पैदा नहीं हो पाएगा .
अल्लाह ने उसको धमकाते हुए कहा रुक जा ,
रहम और रहमान में जोड़ तोड़ की बात होती है जिसकी तर्जुमानी ए इस्लामी अफसाना निगार ही कर सकते हैं .
मुहम्मद इस हदीस को अल्लाह और जिन्स ए लतीफ़ को सामने रख कर गढ़ी है . दाहिना हाथ और मुट्ठी की तरह अल्लाह की कमर भी है . इस्लाम का दावा गलत है कि वह निरंकार है . अल्लाह की कमर भी है और कमर में तामीरी ताक़त भी है और तमाम रहम उसकी अशियाय अय्याशी . इसी रिआयत से मुहम्मद ने अपनी अय्याशी के लिए तमाम मुसलमान औरतों के साथ शादी करने का हक हासिल किया है . मुहम्मद दर पर्दा अल्लाह ही तो हैं . 


जीम. मोमिन 

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