Wednesday 25 May 2016

Hadeesi Hadse 210


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हदीसी हादसे 99
बुखारी २३७ 

अनस से हदीस है कि खैबर के लिए जब मुहम्मद चले तो उनके हामी मुस्लिम लुटेरों ने अलल सुभ खैबर पर हमला करने से पहले फज्र की नमाज़ अदा की, फिर मुहम्मद ने घोड़े पर सवार होकर खैबर की गलियों में गश्त करना शुरू किया और उसके बाद तीन बार नराए-तकब्बुर लगाया और एलान किया कि "खैबर बर्बाद हुवा, कि हम जब किसी कौम पर नाजिल होते हैं तो उसकी बर्बादी का सामान होता है." 
लोग अपने अपने कामों पर जा रहे थे कि उनकी आवाज़ पर उनके लुटेरे सामने आ गए, अलकिस्सा निहायत sakhti के साथ जंग हुई. मुसलामानों की फतह याबी हुई. बहुत से क़ैदी हाथ आए 
एक लुटेरा वह्यिः कलबी मुहम्मद के सामने हाज़िर हुवा और कहा ऐ मुहम्मद मुझे एक लौंडी अता की जाए, मुहम्मद ने कहा जाओ एक लौड़ी पसंद करके ले लो. उन्हों ने सफ़िया बिन्त हई को चुनाथ कि एक शख्स मुहम्मद के सामने आया और कहा आपने सफ़िया बिन्त हई को वह्यिः कलबी को दे दिया हालाँकि वह बनी क़रीज़ा और बनी नुज़ैर दोनों की सरदार रह चुकी हई और आपके काबिल थी. 
मुहम्मद ने कहा वह्यिः कलबी को बुलाओ, जब वह मुहम्मद के सामने हाज़िर हो गया तो मुहम्मद ने कहा तुम उस लौड़ी को छोड़कर किसी और को लेलो. चुनाँच मुहम्मद ने उसे आज़ाद करके उसके साथ निकाह कर लिया. 
रस्ते में ही मुहम्मद की रखैल उम्मे सलीम सफ़िया को दुल्हन बनाया और वहीँ शबे-ज़हफ़ हुई. सुब्ह को मुहम्मद दूलह बने हुए जब बहार आए तो लोगों को हुक्म दिया कि जिनके पास जो खाना हो वह हाज़िर करें, दस्तर ख्वान चुना जाए. लिहाज़ा लोगों ने घी, सत्तू खजूरें वगैरह हाज़िर कीं . यही मुहम्मद का वलीमा था. 
मुहम्मद ने वाकई खैबर बर्बाद कर दिया. यहूदियों का खुशहाल कस्बा मुहम्मद की निगाह में बरसों से चढ़ा था. 
किसी भी खतरे से बेनयाज़ बस्ती सुब्ह की नींद में डूबी यहूदी बस्ती, ज़ालिम लुटेरे मुहम्मदी फौज के नार्गे में थी. दरवाजे खोला तो सामने मौत खड़ी थी. मर्द मारे गए या खेतों खाल्यानो में भागे. औरतें और बच्चे लौंडी और गुलाम बना लिए गए. बाप भाई औए शौहर की लाशों के दरमियान मुहम्मद के साथ मजलूम खातून निकाह और सुहाग रात मनाने पर मजबूर हो गईं. 
मुसलमानों की तरह ही यहूदियों के पास भी मुहम्मदी जरायम की दस्तावें हैं. आज अपने आबाई वतन मदीना और मक्का पर वह दावेदारी करते हैं तो हक बजानिब हैं. 


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