Wednesday 18 May 2016

Hadeesi Hadse 209


हदीसी हादसे 98

एक तवील हदीस में दो एक बातें ही काबिले-ज़िक्र हैं कि गुस्ल के लिए पानी न होने पर मिटटी से ग़ुस्ल किया जा सकता है. मुहम्मद कहते हैं,

 " मिटटी का इस्तेमाल करो क्योकि वह तुन्हारे गुस्ल का क़ायम मुक़ाम हो जायगी. "

मुहम्मद मिटटी के ढेले से इस्तेंजा करके पाक हो जाते थे जिसकी पैरवी आज भी आम तौर पर मुसलमान करते हैं. मुहम्मद मिटटी के ढेले से शौच का कम लेते जिसकी पैरवी जुज़वी तौर पर आज भी मुसलमान करते है और कश्मीर में खास तौर से, वह भी मजबूरी पर. 
मिटटी से गुस्ल कैसे किया जाता है ? ये बात नाक़ाबिले-फ़हेम है. क्या परिदों, चरिदों और दरिदों की तरह धूल गर्द में लोट कर उनकी फ़ितरत को अपनाया जा सहता है? मगर उसमे इंसानी जिस्म को पाकी, तहारत या सफ़ाई नहीं मिलती न ही मुसलमान इस तरीके का इस्तेमाल करता है.

इसी हदीस में ज़िक्र है कि एक औरत को अली, बमय उसके ऊँट के अगवा कर के मुहम्मद के पास ले आते हैं, मुहम्मद उसके मुश्कीज़े से बराए नाम पानी लेते हैं जिसमे इतनी बरकत होती है कि सभी काफ़िला वजू और ग़ुस्ल कर लेता है. 
इसतरह 'वाटर आफ अरब' का जादू हदीसों में बार बार आता है जो कि देखा गया है कि इसके लिए थोड़े से पानी की ज़रुरत पहले ज़रूर होती है.जो गैर फितरी बात है और पूरी तरह से झूट है.

नादान हदीस नवीस लिखते हैं कि उस औरत ने अपने कबीले में कहा,
 "खुदा की क़सम वह सारी ज़मीन से बड़ा जादू गर है"

जादूगर ? जो एलन के साथ जूट का मुजाहिरा करता है.

जाहिलों का कबीला मुहम्मद को बार बार जादूगर कहते हैं,
 यहीं तक नहीं, कुरान में मुहम्मद खुद को जादू गर कहके अल्लाह के रसूल होने की खबर देते हैं जिसे ओलिमा 'नौज बिल्लाह' कहकर बात को रफ़ू करते हैं.

देखिए कि मुहम्मद का गिरोह खुद तस्लीम करता कि वह लुटेरे हैं.

"इसके बाद मुशरेकीन पर मुसलामानों ने लूट मार शुरू की मगर उस औरत के क़बीले  पर दस्ते-दराज़ी नहीं की."

मुहह्म्मद गिरोह बना कर लूट पाट और क़त्ल ओ गारत गरी करते जोकि बाद में माले-गनीमत की शक्ल में इस्लाम का ज़रिये-हुक्मरानी बन गया. 


जीम. मोमिन 


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