Wednesday 27 January 2016

Hadeesi hadse 193



बुख़ारी १०६६
मुहम्मद कहते हैं कि मुसलमान एक दूसरे के भाई हैं. इनको चाहिए कि एक दूसरे लो ईज़ा न पहुँचाए, इस पर ज़ुल्म करने पर आमदः न हो. अपने किसी भाई की हाजत में कोशां रहे, अल्लाह तअला क़यामत के रोज़ उसकी पर्दा पोशी करेगा - - -
*इस दुन्या को तअस्सुब और जानिब दारी इस्लाम ने सब से ज़्यादा सिखलाई है, उल्टा मुसलमान दीगरों को तअस्सुबी कहने में पेश पेश रहता है. यह वबा आलमी पैमाने पर फैली हुई है. मुसलमानों को झूठे तरीके समझाने वाला खुद अपनों का शिकार देखा गया है. मुसलमान जहाँ भी काबिज़ है हमेशा आपस में जंग ओ जदाल में मुब्तिला रहते हैं. मुहम्मद अपने साथ साथ अपने अल्लाह की भी मिटटी पिलीद किए हुए हैं. देखिए कहते हैं 
"अल्लाह तअला क़यामत के रोज़ उसकी पर्दा पोशी करेगा"
पर्दा पोशी ऐबों की की जाती है जो अल्लाह करेगा.

बुखारी १०९6 
उमर के बेटे अब्दुल्ला लिखते हैं कि जब मुहम्मद ने बनी मुस्तलिक की गारत गरी का इरादा किया तो उस वक़्त ये लोग ग़फलत की हालत में थे और अपने मवेशियों को पानी पिला रहे थे. इनमें कुछ लोग क़त्ल हुए कुछ लोग क़ैद किए गए , बच्चों और औरतों को भी क़ैद कर लिया गया. इस गनीमत में आपको (मुहम्मद को) बांदी ज्योरिया मिली.
* खुद हदीसें गवाह है कि मुहम्मद किस कद्र ज़ालिम शख्स और शैतान तबअ थे कि गाफिल बस्तियों को लूट और कत्ल ए आम का शिकार बनाते थे. इस क़दर बे रहम इन्सान कि सिंफे-नाज़ुक पर भी ज़ुल्म करते थे, बच्चों को क़ैद करना इस्लामी तारीख बतलाती है या फिर मूसा की ज़ात इसमें शामिल है. 
यही यहूदी औरत ज्योरिया मुहम्मद की जौजियत में शामिल हुई 

बुखारी 1127
मुहम्मद कहते हैं कि उनके ज़माने में लोग सब से अच्छे होगे, उसके बाद वह जो मेरे ज़माने के बाद होंगे। उसके बाद ऐसे लोग होंगे जिनकी गवाही से पहले क़सम होगी और क़सम से पहले गवाही।
*क्या बका है मुहम्मद ने?उनके हिसाब से लोग गवाही दें कि 
"अशदो एना मुहम्मदुर रसूल अल्लाह" 
अज़ान में जो ऐरे गैरे उनकी रिसालत की झूटी गवाही देते हैं, वह पहले झूटी क़सम खाएँ ? फिर अज़ान दें या फिर 
किसी बात से पहले अज़ान दिया करें? 
सच पूछिए तो मुहम्मद का ज़माना तारीख इंसानी में सब से बदतर था जिसका खामयाज़ा आज तक इंसानी बिरादरी भुगत रही है।

बुख़ारी 1132+
मुहम्मद को किसी की तारीफ़ गवारा न थी सिवाय अपनी और अपने अल्लाह के. कहते हैं अगर कोई किसी की तारीफ़ कर रहा हो तो उसके मुँह में खाक झोंक दो। उनकी उम्मत ने लोगों के साथ ऐसा सलूक किया भी है।

किस कद्र तंग नज़र इन्सान था।

जुनैद मोमिन 

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