Tuesday 19 March 2013

हदीसी हादसे 77


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बुख़ारी 1308
आयशा की बेपर की 

आयशा कहती हैं कि उनके शौहर ने उनसे फ़रमाया कि जो बातें आसमान में तय होती हैं , उनको बादल के फ़रिश्ते आपस में तज़करा करते हैं, वहीँ से कुछ ख़बरें शयातीन चोरी से उड़ा ले जाते हैं और काहनों के कानों में डाल देते हैं , जो इसमें झूट मिला कर बयान करते हैं।

*मदरसों में मुसलमान बच्चे लाल बुझक्कड़ ही यह हदीसे, इन पर रिसर्च करते हैं, रिसर्च इस बात पर कि यह हदीस असली है या नकली। ऐसी इंसानी नस्लें क्या डाक्टर इंजीनियर के गर्द को भी पा सकते है?
लम्बा कुरता उटंग पैजामा हरी पगड़ी पर पड़ा अरबी रुमाल वाला दाढ़ी दार यह कार्टून मुस्लिम बसतियों में आम तौर पर देखे जा सकते हैं। वह बच्चों को ऐसी जिहालत पढ़ता है।

बुख़ारी 1310 
झूठे पैगम्बर की ओछी हरकत 

हदीस है कि मुहम्मद ने हस्सान बिन साबित से कहा,
"तुम ख़ुदा और रसूल की तरफ़ से कुफ़्फ़ार की हिज्जो (बुराई) किया करो . जिब्रील तुम्हारी एआनत (अवैध सहायता) करेंगे ।"

* लअनत है ऐसे रसूल अल्लाह पर जो फ़रिश्तों से नाजायज़ काम कराता हो। हस्सान बिन साबित शाइरी करता था जिसको मुहम्मद राय दे रहे है कि काफ़िरों को अपनी शाइरी में गरियाया करो इसमें फ़रिश्ते तुम्हारी नाजायज़ मदद करेगे।
मुसलमानों क्या तुमको इससे बड़ा सुबूत चाहिए की तुम्हारा रसूल कितना गिरा हुवा शख्स था।

मुस्लिम - - - किताबुल हुदूद 
दो चाहने वाले 

हदीस है कि मअज़ बिन मालिक असलमी मुहम्मद के पास आए और कहा " या रसूल अल्लाह हमने ज़ुल्म किया अपनी जान पर और ज़िना किया। आप मुझको पाक कीजिए "
 मुहम्मद ने इनको फेर (लौटा) दिया।इस तरह जब वह कई बार आए तो मुहम्मद ने लोगों को इनके पीछे लगा दिया कि पता करें कि इनको कोई ख़लल तो नहीं हो गया।लोगों ने पता किया और मुहम्मद को इत्तेला दी कि वह बिलकुल ठीक हैं।
मअज़ मुहम्मद के पास फिर दरख्वास्त लेकर आए , मुहम्मद ने लोगों को फिर पता लगाने के लिए भेजा कि इन्हें कोई बीमारी तो नहीं है? मालूम हुवा वह इकदम मुअत्दिल हैं।
इसके बाद जब मअज़ मुहम्मद के पास आए तो उन्हों ने एक गड्ढा खुदवाया और उनको दफ़्न का हुक्म दिया .

 इसी तरह एक औरत मुहम्मद आई और उसने कहा या रसूल अल्लाह मैं ने ज़िना किया मुझे पाक कीजिए . 
मुहम्मद ने इसे फेर दिया , कई बार फेरने के बाद फिर वह आई तो उसने एहतेजाज किया कि मअज़ की तरह उसे क्यूं टाला जा रहा है? ख़ुदा की क़सम मैं तो ज़िना से हमला भी हूँ। मुहम्मद ने कहा , अच्छा जा बच्चा जनने के बाद आना।
 इसने बच्चा जाना और उसे कपड़े में लपेट कर मुहम्मद के पास आई और खुद को पाक करने की फ़रमाइश करने लगी . मुहम्मद ने कहा इसको दूध पिला, जब तक यह रोटी न खाने लगे। 
कुछ दिनों बाद वह बच्चे को लेकर मुहम्मद के पास आई कि बच्चे के हाथ में रोटी का टुकड़ा था। कहा या रसूल अल्लाह बच्चा खाने लगा है, अब मुझे पाक कीजिए .
मुहम्मद ने सीने तक गहरा एक गड्ढा खुदवाया, औरत उसमे दाखिल होकर दफ़्न हुई। 
पहला पत्थर उसे खालिद ने मारा, औरत के सर से खून जारी हुवा, धार खालिद के मुंह पर पड़ी तो वह औरत को बुरा भला कहने लगे, जो मुहम्मद के कानों तक गई - - - 
कहा ख़बरदार  ख़ालिद इसने ऐसी तौबा की है कि अगर महसूल लेने वाला ऐसी तौबा करे तो इसके गुनाह मुआफ़ हो जाएँ और मअज़ की तौबा एक उम्मत में बाटी जाए तो तो काफ़ी हो।
यह एक तस्वीर मुहम्मदी दौर की थी कि लोग कितने सादा लौह थे, कि मुहम्मद के बनाए हुए क़ानून पर निसार हो जाया करते थे, जब कि मुहम्मद खुद पक्के ज़िना कार थे और लोगों से कहते थे कि अल्लाह ने उनके अगले पिछले सभी गुनाह मुआफ़ कर रखा है। 
अफ़सोस कि लोग उनकी इस बात पर भी यक़ीन करते थे।


जीम. मोमिन 

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