Wednesday 20 April 2016

Hadeesi hadse 205


************
हदीसी हादसे 

बुखारी २१९
मुहम्मद कहते हैं पांच चीजें मुझको ऐसी अता की गईं कि मुझ से पहले किसी रसूल को न अता हुईं . . .
१-मुझ में ऐसा रोब पैदा किया गया (जो किसी और में न था)
*मुहम्मद अपने ज़माने के सब से बड़े गुंडे थे. जिससे ज़माना डरा करता था. दुन्या में मुसलामानों की तादाद मुहम्मदी जरायम की परछाईं है.

२-तमाम ज़मीन को मेरे लिए सजदा गाह बना दिया गया. गर पानी न हो तो तयम्मुम से पाक होना.
*हर हुक्मरान के लिए सारी ज़मीन सजदा गाह होती है. अलबत्ता तयम्मुम ने मुसलमानो के लिए गंदगी फैला दिया है कि बगैर नहाए धोए वह हफ़्तों पाक रहता है.

३- माले-गनीमत मुझ पर हलाल कर दिया गया जो हम से पहले सब पर हराम हुवा करता था.
*माले-गनीमत मुहम्मद के सिवा किसी कौम के हुक्मराँ ने हलाल न क़रार दिया. हमेशा किसी जायज़ हुक्मराँ के लिए ये हराम रहा है. चोर, डाकू और लुटेरों को इस कुकर्म की सजा मुक़ररार होती है. इस गलाज़त को मुहम्मद ने हलाल करार देकर दुन्या के तमाम मुसलमानों को गलाज़त ख़ोर बना दिया है.
जज़्या और माले-गनीमत ईजाद करने वाले अल्लाह के रसूल के दामन पर लगा हुवा एक बद नुमा दाग है. अच्छा है कि ये दूसरी कौमों के लिए हराम है.
४- मुझको शिफाअत अता की गई.
*आप की हदीसें गवाह हैं कि आप कितने बड़े मसीहा हैं. पाक साफ़ खाने और पानी में थूक कर आप मसीहाई करते थे. ईसा मसीह की नकल में मसीहा भी बन गए.

५- मैं तमाम आलम के लिए नबी मुक़र्रर किया गया जब कि इससे पहले अपनी अपनी कौमों के लिए नबी हुआ करते थे.
*कुरान में नबियों की झूटी कहानी गढ़ गढ़ के खुद को नुमायाँ करते हो. मूसा और दाऊद के सिवा कोई न हुवा जो कि यहूदियों के लिए लूटमार करते थे,
तमाम सच्चे नबी आलमे-इंसानियत की नबूवत करते थे
 
बुखारी १००
अबू हरीरा कहते हैं मुहम्मद से उन्हों ने दो इल्म हासिल किए थे जिसमें एक को मैं ज़ाहिर कर चुका हूँ, दूसरा मैं ज़ाहिर करूँ तो मेरी ज़बान काट ली जाए.
*अबू हरीरा मुहम्मद के बहुत क़रीब थे कि दूसरे इल्म को ज़ाहिर नहीं कर रहे. गालिबन वह इल्म "इल्मे-सदाक़त" होगा जो कि मुहम्म्द ने उन से बतलाया होगा,इल्म सदाक़त यह कि मैं झूठा हूँ और मेरा अल्लाह मुकम्मल तौर पर झूठा है.

बुखारी १३३
अव्वल दर्जे के झूठे सहाबी अनस कहते हैं कि "एक दिन वज़ू के लिए पानी मयस्सर न था, काफ़ी तलाश के बाद भी न मिला तो मुहम्म्द ने एक बर्तन तलब किया और उस पर हाथ रख दिया फिर आवाज़ दी कि आओ जिनको वजू करना है. झूठा अनस कहता है कि उसने देखा कि मुहम्म्द की उँगलियों से पानी की धार निकल रहा था."
*************


No comments:

Post a Comment