Wednesday, 23 March 2016

Hadeesi Hadse 201



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हदीसी हादसे ९० 
बुखारी नम्बर -८ 
इस्लाम के पांच एहकाम १-कलमाए-वदनियत २-नमाज़ ३-ज़कात ४- रोज़ा ५-हज 
यह तमान एहकाम ग़ैर तामीरी हैं.
बुखारी नम्बर -९-१३ 
इन सब में इस्लाम मुसलमानों को तअस्सुबी बनता है मुसलमानों को पक्षपात की तालीम देता है जिसके सबब मुसलमान कभी इन्साफ की बात नहीं कर सकता. 
बुखारी नम्बर -१४-१६ 
महम्मद कहते हैं कि कोई शख्स तब तक मुसलमान नहीं हो सकता जब तक मुझे अपने मान-बाप और औलाद से भी ज्यादा न चाहता हो.
मुहम्मद निर्मल बाबा से भी आगे हैं. आम मुसलमान मुहम्मद के नाम पर जान भी दे सकता है और जान ले भी सकता है. ये बात दुन्या औए खुद आलम-इस्लाम के लिए ज़हर है. मुहम्मद कितने खुद पसंद और महत्वा-कांक्ष साबित हुए. 
बुखारी नम्बर -२५
मुहम्मद से दरयाफ्त किया गया कौन सा अमल अफज़ल हैं?
फ़रमाया अल्लाह और रसूल पर ईमान लाना.
इसके बाद?
दूसरा सवाल था.
अल्लाह की राह में जिहाद करना .
तीसरा अमल ?
सवाल था.
फ़रमाया हज खालिस .
कुरआन और हदीसों में सैकड़ों बार दोहराया गया है कि जेहाद करो यानी लड़ो मारो और मरो,
खूने-इंसानी बहाओ और लूट मार करके लोगों माले-गनीमत हासिल करो. जिहाद के नए मअनी आज के मक्कार ओलिमा ने लफज़ी तकरार से "जिहद करना" बतला रहे हैं. जिहद शब्द एक वचन है और इसका बहुवचन होता है.जिहाद. जिहद करना यानि जद्दो-जिहद और जिहाद इस्लामी इस्तेलाह में मज़हबी जंग अर्थात धर्म युद्ध.
सिर्फ इस्लाम ऐसा धर्म है जो लूट मर को पुन्य कार्य समझता है.
बुखारी नम्बर -२६
एक हदीस में रवायत है कि मुहम्मद कुछ लोगों को मॉल तकसीम कर रहे थे कि उनमे से एक को छोड़ दिया. इस पर इनके साथी विकास ने कहा, या रालूलल्लाह इसको क्यूं छोड़ दिया? जो कि मेरे नज़दीक सब से ज्यादह ईमान वाला मोमिन है. मुहम्मद ने कहा ये मत कहो कि अच्छा मोमिन है ये कहो कि सबसे अच्छा मुस्लिम है. कुछ देर खामोश रहने के बाद फिर विकास ने कहा
या रालूलल्लाह वह मेरे नज़दीक इन सब में ज्यादह ईमान वाला मोमिन है. रसूल ने कहा ये न कहो कि तुम उसे मोमिन जानते हो, ये कहो कि मुस्लिम जानते हो नमाज़ रोज़े के साथ उसके ईमान को तो सिर्फ अल्लाह ही जनता है........
मोमिन और मुस्लिम का फर्क यहाँ मुहम्मद साफ़ साफ़ बयान कर रहे हैं.
इसी बात को मैं बार बार दोहराता हूँ कि कुछ बनना है तो ईमान दार मोमिन बनो, मुस्लिम बनना बहुत आसान है. मोमिन बन जाने के बाद मुस्लिम बनना गुनेह गारी है.
इस बात को मुहम्मद अपनी दीगर हदीसों के खिलाफ कह गए हैं.
  



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