Wednesday 23 September 2015

Hadeesi Hadse 175


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हदीसी हादसे 63


बुख़ारी  १ ३ ६ १  
बाबा इब्राहीम का ख़तना
मुहम्मद गढ़ते हैं कि 
" हज़रात इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने अपना ख़तना अस्सी साल की उम्र में खुद अपने हाथों से एक कुल्हारी से मुकाम क़ुदूम में किया ."
* मुहम्मद ने अपना ख़तना कभी नहीं कराया और एलान किया कि मैं तो मख़तून पैदा ही हुवा हूँ . इनकी बात को तस्दीक़ नहीं करा सके लोग कि कौन शामत मोल ले ?
इस बात की गवाही उनकी बीवीयाँ, बांदियाँ और उनकी रखैलें दे सकती थीं मगर वह सब उनकी गुलामी में थीं .
यह माफ़ौक़ुल फितरत है कि कोई इंसान मख़तून पैदा हो। हाँ  कभी कभी किसी आज़ा में नुक्स होता है भी तो वह बात इसके जिस्म की कहानी बन कर समाज में फैल जाती है .
गोया उम्मत ए अक्दास के पैगम्बर तमाम उम्र जिस्मानी तौर पर काफ़िर और मुशरिक रहे जो उनके तमाम झूटों में मुजस्सम झूट कहा जा सकता है. 
ख़तना बहुत पुराना तरीका ए कार है जो यहूदियों में सदियों से चला आ रह है, जिसकी नक़्ल मुहम्मद ने बे चूँ चरा अपना लिया .
भारत में जब दंगे होते हैं तो पैंट उतार कर लिंग दिखलाना हिदू और मुसलमान दोनों की मजबूरियाँ बन जाती हैं .

बुख़ारी 1451
क़ुरैश परवर मुहम्मद कहते कहते हैं कि क़ुरैश का यह क़बीला हमें हलाक कर देगा . लोगों ने पूछा कि ऐसे वक़्त में हमें क्या करना चाहिए? जवाब था कि उस वक़्त लोग उन से परहेज़ करें तो बेहतर है।
*मुहम्मद ने अपने कबीले क़ुरैश के लिए ही तो पैगंबरी का नाटक रचा था, इसी लिए वह उनके लिए नर्म गोशा रखते थे हत्ता कि वह हमें मार दें मगर हम उनसे मुकाबिले में परहेज़ करें।
आज कुरैश ही आले रसूल बने हुवे हैं जिनके लिए हम दरूद ओ सलाम भेजा करते हैं, और वह हमें हिंदी मिस्कीन कहते हैं।
बुख़ारी 1452
क़ुरैशी कशमकश 
मुहम्मद कहते है मेरी उम्मत इन्हीं चंद क़ुरैशियों के हाथों हलाक होगी। अगर मैं चाहूं तो बतला सकता हूँ कि वह किनके किनके बेटे होंगे।
* मुहम्मद का नर्म गोशा अपने कबीले के लिए कितना तरफ़दार और जानिब दार है, हदीस से अंदाज़ा लगाया जा सकता है। सारी उम्मत दाँव पर होगी मगर क़बीले के दो फ़र्द उन सब पर भारी होंगे। मुहम्मद की जुबान उनका नाम लेने के लिए तय्यार नहीं।
मामूली चोरी पर एक मुअज्ज़िज़ खातून का हाथ कलम कर देने वाले अल्लाह के रसूल दो क़ुरैश नव जवानो के लिए इतने जानिब दार हैं कि अपनी उम्मत को ख़त्म होने जाने के लिए राज़ी हैं।
उनकी नबूवत की पेशीन गोई भी सच साबित नहीं हो पाई कि उम्मत तो अरबियों के तलवे चाट रही है।


जीम. मोमिन 

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