Tuesday 25 November 2014

Hadeesi Hadse 22


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बुखारी 868

मफरूज़ा अल्लाह के खुद साख्ता रसूल कहते है की ईमान मदीने में ऐसा समिट कर आएगा जैसे साँप अपने सूराख में सिमट कर जाता है.
*अनजाने में मुहम्मद ठीक ही कह गए हैं कि इस्लाम का ज़हर इंसानियत के लिए ज़हर ही है. ये ज़हर दुन्या में मदीने से फैला है, मदीन में नेश्त  नाबूद होकर बिल में दफ़्न हो जाएगा.

बुखारी ८६९-७०-७१-७२

मुहम्मद ने मक्के से भागकर पैगम्बरी की शुरुआत मदीना से किया. मदीने के बारे में बहुत सी आएं बाएँ शायं बका है. कभी कहते हैं मदीना एक दिन वहशी जानवरों का मरकज़ हो जाएगा तो कभी कहते हैं कि मदीने वालों को धोका देने वाले नमक की तरह पिघल जाएँगे.
कहते है फ़रिश्ते इसके मुहाफ़िज़ है, दज्जाल और ताऊन इसमें दाखिल नहीं हो सकते.
फ़िलहाल यहूदियों से मदीना बच जाए तो बहुत है.

बुखारी ६५४

फतह मक्का के बाद किसी ने मुहम्मद को खबर दी की इब्ने-खतल काबे के परदे से लिपटा हुवा है. मुहम्मद ने कहा इसे क़त्ल करदो.

* इतनी सस्ती थी इंसानी जिंदगी मुहम्मद के लिए? बहुत आसान था खतल को किसी तरह आसानी से समझाया जा सकता था.
बदमाश ओलिमा कहते हैं कि मुहम्मद ने कभी अपने हाथों से किसी का क़त्ल नहीं किया.
उनकी ज़बान ही उनका हाथ थी.

बुखारी-७८५

मुहम्मद ने अबुबकर को अमीर-ए-जमाअत बना कर हज के लिए भेजा और इस हज में कहा कि एलान करना कि कोई भी मुशरिक और नंगा शख्स हज में शरीक न हो.
*कितना सितम था कि सदियों से सब को आज़ादी थी कि खाने-काबा सारी कौमों के लिए मुक़द्दस था, जोकि धीरे धीरे सब के लिए इसके दरवाजे बंद कर दिए गए, हत्ता कि शहर मक्का में भी कोई गैर मुस्लिम नहीं जा सकता.
अगर यहूदी अपने बुजुर्गों की इबादत गाह की बाज़्याबी चाहते हैं तो इसमें ग़लत क्या है?

बुखारी ७७३-

उमर ने काबा को बोसा लेते हुवे कहा
"खुदा की कसम मैं तेरा बोसा लेना हरगिज़ न गवारा करता अगर रसूल को तेरा बोसा लेते हुवे मैं ने देखा न होता. तू मिटटी और पत्थर के सिवा कुछ भी नहीं."
उमर साहब आपको 'नहीं' करना भी सीखना चाहिए था. आप जैसे लोगो ने इस बुत परस्ती को इस्लाम में छिपा दिया.
*काबे में संग अस्वाद को मुहम्मद इस लिए चूमते थे कि इसने इनको पैगम्बरी का ख्वाब दिखलाया. संग अस्वाद को मुहम्मद ने काबे में अपने हाथों से नस्ब किया, वह भी चल घात से. तभी तमाम उम्र उसका एहसान उतारा, वह भी चूम चाट कर.

बुखारी ७७४- ७७५-
मुहम्मद बुत भरे काबा में गए, गोया बुत खाना में गए. लोगों ने उनसे दरयाफ्त किया, वह इंकार कर गए. यानी सरीहन झूट बोले.लोगों ने उनके झूट को नज़र कर दिया.
* खनेइकब में ३६० बुत थे जोकि उस वक़्त की दुन्या की तमाम तहजीबों की अलामतें थीं. इब्राहीम और इस्माईल की तस्वीरे राम की तरह तीर ओ कमान की थीं, जिससे ज़ाहिर है कि वह लोग उस से शिकार करते थे. मुहम्मद ने उन सभी को हटा दिया था, उसके बाद काबे में दाखिल होकर हवाई बुत की नमाज़ें पढ़ीं.

बुखारी ७७६-७७-७८-७९-८०

फतह मक्का के बाद जब मुस्लिम हज शुरू हुवा तो मुहम्मद ने लोगों को कहा कि काबे की पहली तीन तवाफे फातेह की तरह अकड कर किया करें, खुद भी वह अकड कर चलते थे. बाद में लोगों को ये किब्रयाई रास न आई और उनका हुक्म ज़ायल हो गया.


जीम. मोमिन 

1 comment:

  1. तुम मोमिन कैसे हो गए , तुम तो मोनाफ़िक़ से भी बदतर हो

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