Tuesday 2 April 2013

Hadeesi Hadse -79


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बुख़ारी 1339
जमहाई लेना शैतानी हरकत 
मुहम्मद कहते हैं कि जम्हाई लेना शैतानी हरकत है, तुम में से जब किसी को जम्हाई आए तो वह हत्तुल इमकान उसे रोके।

* जम्हाई आना अच्छी या बुरी हरकत नहीं बल्कि अलामत है नींद आने की. नव ज़ायदा बच्चा बार बार जम्हाई लेता है जिसमे कठ मुल्ले को शैतान ही नज़र आता है। लाल बुझक्कड़ की खोपड़ी पाई थी, छींक आने पर शुक्र अल्हमदो लिल्लाह कहने को कहते, जो बीमारी की अलामत लेकर आती है।  लोग इस मौके पर सोरी बोलते हैं।
काश कि मुसलमान समझ सकें कि वह ख़ुद कितने बड़े शैतान थे।

बुख़ारी 1345
मुर्ग और गधे की आवाजें 
कठ बैठे मुहम्मद कहते हैं कि जब मुर्ग़ की आवाज़ सुनो तो अल्लाह के फ़ज़ल और नेमत के तलब गार रहो और जब गधे की आवाज़ सुनो तो 'आऊज़ ओ बिल्लाह ए मिनस शैतानुर्रजीम ' पढो , क्योंकि मुर्ग़ फ़रिश्ते को देखता है और गधा शैतान को .

*मुहम्मद इंसान के ही नहीं बल्कि जानवरों के भी दुश्मन हैं, सीधी सादी मख़लूक़ को ज़र्द रू कर रहे हैं। ज़िन्दगी भर गधों पर सवारी की , कभी कभी तो इस पर ऐसा ज़ुल्म करते थे कि डबल सवारी हो जाया करते थे। यह एहसान  फ़रामोशी ?
इस मासूम जानवर के पीछे पड़े रहते, कभी आवाज़ को लेकर कभी सूरत को लेकर।

बुख़ारी 1349
 आदम का क़द 
मुहम्मद कहते हैं कि जब अल्लाह तअला ने आदम को पैदा किया तो उनका क़द 60 हाथ था (करीब 50 मीटर ) इसके बाद कम होते होते इस हद तक आ गया है , लेकिन जन्नत में दाख़िल होने वाले लोग आदम की तरह ही होंगे।

*कुरान की बातें तो खैर मुहम्मद को जिब्रील बतलाया करता था मगर इन हदीसी शगूफों को किसने इनके कान में फूँका ? 
शैतान ने ?
एक जगह कहते हैं कि मुझ से फ़ैसले मत कराया करो, मैं भी तुम्हारे जैसा एक इंसान हूँ , तुम्हारी लफ्फ़ाज़ी में आकर तुम्हें कुछ दे दिया तो समझ लो वह दोज़ख़ का एक टुकड़ा होगा।
उनकी यह बात माक़ूल है मगर इतनी बड़ी बड़ी 50 मीटर की लम्बी गप कहाँ से पाते थे ?
क्या यह बात सच नहीं कि ख़ाली दिमाग़ शैतान का होता है ?
* जब जन्नातियों के क़द 60-60 हाथ के हो जाएँगे तो उनके लिए नई नई मुसीबतें खड़ी हो जाएँगी . दिन भर की पंज वक्ता नमाज़ों की 24 रिकत की उठ्ठक बैठक ही उनकी जान ले लेगी . 
पता नहीं हूरें भी 60 हाथ की होँगी जिनको ऊपर से नीचे तक देखने में ही ज़ाइका बदल जाएगा . या फिर 5 फिटी होंगी जिनको जन्नती मर्द की शक्ल देखने के लिए सीढ़ी लगानी पड़ेगी .
इस क़द्र झूटा और मक्कार पैग़म्बर क्या दुन्या की किसी दूसरी उम्मत के पास होगा , सिवाय मुसलमानों के ?


जीम. मोमिन 


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