Wednesday 17 February 2016

Hadeesi Hadse 196



हदीसी हादसे 85
बुखारी नम्बर -४७ 
एक दिन मुहम्मद लोगों के झुरमुट में बैठे थे कि एक शख्स आया और उसने मुहम्मद से दर्याफ़्त किया कि 
ईमान क्या है? 
मुहम्मद ने कहा ईमान ये है कि तुम खुदा पर और उसके फरिश्तो पर और खुदा की मुलाक़ात पर और उसके रसूल पर ईमान रख्खो, मरकर ज़िन्दः होने को हक समझो. 
उसने फिर पूछा इस्लाम क्या है?
 कहा इस्लाम ये है कि तुम सिर्फ़ खुदा की ही इबादत करो, इसके साथ किसी को शरीक न बतलाओ ...... 
फिर उसने पूछा एहसान क्या है? 
मुहम्मद ने कहा खुदा की इबादत ऐसे करो गोया उसको देख रहे हो ....
रसूल के जवाब सुन कर उसने पूछा कयामत कब आयगी? 
मुहम्मद का उल्टा सीधा जवाब सुन कर वह चला गया तो अल्लाह के रसूल फरमाते है कि क्या तुम लोग जानते हो कि वह कौन था? 
जिब्रील अलैस्सलम थे, लोगो को दीन बताने आए थे. 
मुहम्मद ने लोगों पर अपना असर डालने के लिए झूट बोले. 
जिब्रील अलैस्सलम इसलामयात के बारे में खुद पूछ रहे थे, 
मुहम्मद कहते हैं वह लोगों को दीन समझाने आए थे. 
मुहम्मद अव्वल दर्जे के झूठे इंसान थे जिनको मुसलमान अपना पैगम्बर समझते है. गोया मुसलमान अनजाने में झूटी ज़िन्दगी जी रहे हैं 
जो तमाम दुन्या देख रही है.
बुखारी ५३
"एक शक्स मुहम्मद के पास इस्लाम क़ुबूल करने के किए आया, 
मुहम्मद ने शर्त लगाई कि तुम्हें मुसलमानों का ख़ैर ख्वाह रहना होगा." 
*इस्लाम इंसान को तअस्सुबी बनाता है. तअस्सुबी फ़र्द कभी ईमान दार नहीं हो सकता और न ही मुंसिफ.
बुखारी ५५
"मुहम्मद नमाज़ से पहले वजू (मुंह, हाथ और पैर धोना) करने में एडियों को चीर कर न धोने वाले नमाजियों को आगाह करते है कि इस सूरत में एडियाँ दोज़ख में डाल दी जाएंगी"
*मुहम्मदी अल्लाह की बातों को सर आँख पर रख कर जीने वालों को कभी कभी जिंदगी दूभर हो जाती है. दिन में पाँच बार वज़ू करना और उसमें पैरों की बेवाई को चीर चीर कर धोने जैसे सैकड़ों नियम हैं जिनकी पाबन्दी न करने पर जन्नत हराम हो जाती है. 
नई और बेहतर ज़िन्दगी मुसलमानों को जीते जी हराम सी होती है.
बुखारी ५८ 
मुहम्मद ने एक बार अपना ख़त कसरा (ईरान के बादशाह) को भेजा जिसे पढ़ कर उसने ख़त के टुकड़े टुकड़े करके हवा में उड़ा दिया. 
एलची से इसकी खबर मिलने के बाद मुहम्मद ने बद दुआ देते हुए कहा इसके टुकड़े टुकड़े मेरे ख़त की तरह कर दिए जाएँगे. 
मुहम्मद के ख़त का फूहड़ नमूना आगे आएगा जिसको पढ़ कर ही गुस्सा आता है
"काने दादा ऊख दो, तुम्हारे मीठे बोलन " 


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