Wednesday, 29 April 2015

Hadeesi Hadse 41


Hadeesi Hadse 
बुखारी 1276
"मुहम्मद फ़रमाते हैं कि एक नबी ने बस्ती के लोगों से जिहाद में शिरकत का एलान किया , मगर उन लोगों को रोका जिनकी शादी हुई हो और सुहागरात न मनी हो। उनको भी जिनके मकानों  की छत पड़ना बाकी हो, और उनको भी जिन की बकरियां और ऊंटनीयाँ  बियाई न हों। 
ग़रज़ बाकी लोग जिहाद के लिए निकल पड़े। अस्र के वक़्त उस गाँव के नज़दीक पहुंचे, नबी ने अल्लाह से दरख्वास्त की कि सूरज को कुछ देर के लिए डूबने से रोके ताकि दिन के उजाले में जिहाद की कारगुज़ारी को अंजाम देदें। गोयः सूरज रुक गया और दिन के उजाले में ही लूट पाट से जिहादी फ़ारिग हो गए।
जिहाद में लूट के माल को देख कर वह नबी छनके कि तुम लोगों में से किसी ने ग़नीमत में ख़यानत की है। नबी ने हुक्म दिया कि सब लोग उनके पास आएं और उनके हाथ पर हाथ रख कर सफ़ाई पेश करें। इससे दो चोरों के हाथ नबी के हाथ से चिपक गए . उन दोनों चोरों ने एक गय के सर के बराबर सोना चुरा रखा था। उसके मिलने के बाद ही आग ने ग़नीमत को खाना मंज़ूर किया .
आगे मुहम्मद कहते हैं कि पहले गनीमत खाना हराम था और उसको आग को खिला  दिया जाता था, मगर मेरे जोअफ़ और आजिजी को देख कर अल्लाह ने हमारे लिए गनीमत (लूट पाट का माल )को हलाल कर दिया।"
*इस्लाम से पहले जंगों में लूट पाट नाजायज़ क़रार था, वह भी अवाम को लूटना तो जुर्म हुवा करता था। इसको मुहम्मद ने मुसलमानों के लिए हलाल कर दिया और मकर का सहारा लेकर कहा कि अल्लाह ने मेरी ज़ईफ़ी और आजज़ी को देख सुनकर इसे हलाल कर दिया।
मुहम्मद के बुढ़ापे और कमजोरी पर और उनकी दुआओं पर तरस खाकर अल्लाह ने उनके लूट-पाट को जायज़ कर दिया, ठीक ही किया कि कमज़ोर पर तरस आई, 
मगर उनके बाद उनकी उम्मत को हमेशा के लिए जईफ और कमज़ोर भी कर दिया कि वह हमेशा ग़नीमत खाते रहें। लूट पाट से न मिले तो खैरात ज़कात खाया करें, बासी तिवासी, उगला जूठन को निंगल लिया करें। आज कौम मुहम्मद की दुआओं के असर से दुन्या में खुली आँखों से महरूम और रू सियाह है।
कैसा है मुहम्मदी अल्लाह जो लूट पाट करने के लिए सूरज को डूबने नहीं देता ताकि लुटेरे आराम से मेहनत कशों की बस्ती को लूट सकें, इस लिए कि उनके मेहनत से हासिल किए गए असासे को आग के हवाले कर दिया जाए।
मगर देखिए कि ज़लील पैगम्बरी ने कैसे अपनी ज़ात को चमकाया है? 
अंधे मुसलमानों !
तुमको कौन सा आयना दिखलाया जाए की तुम सही और ग़लत की तमीज़ कर सको। इन हराम के जाने बेज़मीर ओलिमा ने तुम्हें इस्लाम की उलटी तस्वीर को दिखला कर गुमराह किए हुए हैं।
जागो! जागो !! जागो !!!


जीम. मोमिन 

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